Ramadan 2025 : आज से रमजान का महीना शुरू, जानें सहरी और इफ्तार का समय


Ramadan 2025 Sehri And Iftar Timings: रमजान का महीना इस्लाम धर्म के लिए बहुत ही पाक महीना माना जाता है जिसमें पूरे महीने इस्लाम धर्म लोग के रोजे रखते हैं और खुद की इबादत करते हैं और चांद दिखने के साथ ही इस्लाम धर्म के रमजान का महीना शुरू हो जाता है रमजान के महीने में हर दिन सहरी और इफ्तार का बहुत ही महत्व होता है

Ramadan 2025

Ramadan 2025 Sehri And Iftar Timings: रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू होने वाला है। और रमजान के महीने को इस्लाम धर्म के लोग बहुत ही पवित्र और खास मानते हैं। इसके अलावा मुस्लिम धर्म के लोग रमजान के पूरे महीने खुदा की इबादत करते हैं। और पूरे महीने रोजा रखते हैं।

इस्लामी धर्म के अनुसार रमजान साल के नौवां महीने में मनाया जाता है। और रमजान के पूरे महीने रोजा रखते हैं। जिसमें इस्लामी धर्म के लोग रमजान के आखिरी दिन में खुदा का शुक्रिया करते हैं। और ईद-उल-फितर का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मानते हैं।

इस साल 28 फरवरी को चांद नहीं दिखाई दिया ऐसे में इस्लाम धर्म के जानकारों और धर्म गुरुओं के मुताबिक 28 फरवरी शाबान 1446 हिजरी को रमजान का चांद नहीं दिखाई दिया था जिसके कारण रमजान का पहला दिन 2 मार्च 2025 को मनाया जाएगा और आपको बता दें रमजान का पवित्र महीना शब-ए-बारात के 14वें दिन शुरू हो जाता है।

दरअसल भारत में रमजान का महीना तभी मनाया जाता है जब मक्का में चांद दिखाई देता है जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिखाई देता है उसके अगले दिन ही भारत में रमजान का पहला रोजा मनाया जाता है

रमजान पर रोजा क्यों रखते हैं। ( Ramadan 2025 )

रमजान के महीने में खुदा की इबादत करना बहुत ही महत्व है। रमजान के महीने में रोजा रखने के साथ-साथ पांच वक्त का नमाज भी और तरावीह के नमाज कभी बहुत ही महत्व है। इसके अलावा रमजान का महीना में रोजा रखने के साथ-साथ आत्मसंयम, खुदा की इबादत और जरूरतमंदों की मदद करना और सेवा करने का बहुत ही बेहतरीन मौका देता है।

इस्लामिक धर्म के अनुसार 610 में इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहम्मद साहब को पवित्र कुरान शरीफ नौवें महीने में ज्ञान प्राप्त हुआ था। तब से लेकर आज तक मुस्लिम धर्म के लोग हर साल रमजान के इस पवित्र महीने रोजे रखते हैं। और रमजान के आखिरी दिन में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं।

रोजा रखने के क्या हैं नियम ( Ramadan 2025 )

रमजान की इस पवित्र महीने में मुस्लिम धर्म के लोगों को रोजा रखना बहुत ही जरूरी होता है मुस्लिम धर्म के लोग रमजान का रोजा रखने के लिए हर दिन सुबह सूर्योदय होने से पहले सहरी करते हैं। यानी सूर्योदय होने से पहले कुछ खाते पीते हैं फिर उसके बाद दिनभर कुछ भी नहीं खाते हैं।

उसके बाद शाम को सूर्यास्त होते ही इफ्तार करते हैं और इसके साथ ही रोजा खोलते हैं और इस तरह से पूरे दिन मुस्लिम धर्म के लोग बिना कुछ खाए पिए रोजा रखते हैं

रमजान के इस पवित्र महीने को 30 रोजा में बांटा गया है और इस रमजान की तीन प्रमुख हिस्से होते हैं पहले अशरा 10 दिन,दूसरा अशरा 10 दिन और तीसरा अशरा 10 दिन। तो ये रमजान के तीन हिस्से हैं।

जिसका पहला अशरा 10 दिन का अर्थ होता है ‘रहमत’ और दूसरा अशरा 10 दिन का अर्थ होता है ‘बरकत’ और तीसरा अशरा 10 दिन का वहीं तीसरा अशरा 10 दिन का अर्थ होता है ‘मगफिरत’ तो यह तीन हिस्सों में रमजान बांटा गया है।

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